लालू का दिल्ली एम्स जाना भाजपा के लिए सिरदर्द बनेगा, जानिए कैसे ?

आखिरकार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने इलाज के लिए एम्स, दिल्ली जाने को तैयार हो गए हैं. वह कई दिनों से इसके लिए आनाकानी कर रहे थें. रांची स्थित रिम्स हाॅस्पीटल के बाद अब लालू का नया आशियाना दिल्ली एम्स होगा.

इस खबर का संबंध भले हीं लालू के किडनी के प्राॅब्लम से हो पर ये भाजपा के लिए सबसे ज्यादा चिंतित करने वाली खबर होगी. दिल्ली एम्स में बैठकर लालू के लिए लोकसभा चुनाव 2019 के लिए महागठबंधन बनाना ज्यादा आसान होगा
लालू रांची के होटवार जेल में बंद रहें तो झारखंड में महागठबंधन का रास्ता साफ कराया. लोकसभा में कांग्रेस का नेतृत्व और विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोरचा के नेतृत्व के लिए सबको तैयार कराया. रणनीतिक तरीके से हुए इस गठबंधन ने सत्ताधारी भाजपा को मात देते हुए राज्यसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार को मात्र 0.1 वोट के अंतर से जीता लिया.
.लालू गठबंधन की विधा के माहिर माने जाते हैं. यूपीए वन की सरकार में कांग्रेस के बाद सबसे बड़े हिस्सेदार होने के बावजूद कभी भी ब्लैकमेलिंग नहीं की या ऐसी खबरें बाहर नहीं आई.

यह तय है कि एम्स में लालू से मिलने एक से बढ़कर एक धुर भाजपा विरोधी पहुंचेंगें. रांची जाने की अपेक्षा राजधानी दिल्ली में बात मुलाकात ज्यादा आसान है.

यूपी में सपा बसपा को करीब लाने में भी लालू की अहम भूमिका रही है. गोरखपुर जैसी कट्टर भाजपा सीट छीनने से दोनों पार्टियों में जोश है. फिलहाल इसमें कांग्रेस नहीं है. कांग्रेस झुककर इन दोनों के गठबंधन का हिस्सा बनने को आतुर नहीं दिखती है. इसके लिए लालू हीं मध्यस्थ की भूमिका निभाएंगें. तब जाकर यूपी में सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद का महागठबंधन आकार लेगा.

भाजपा जानती है कि यूपी में इस महागठबंधन के आकार लेने के बाद 2014 के 73 के मुकाबले 2019 में 37 सीट लाना भी टेढ़ी खीर साबित होगी. वह हर कीमत पर चाहेगी कि कुछ न भी हो तो कांग्रेस इस महागठबंधन से अलग रहे पर लालू ऐसा होने नहीं देेंगें या कहें तो हर तरह से कांग्रेस को सपा और बसपा के साथ लाने की कोशिश करेंगें. शायद इसमें वो सफल भी हो जाएं. भाजपा के लिए असल मुसीबत यही होगी.

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